Friday, June 21, 2013

कौन देख रहा है किसे??



यह संदेश, यह लेख लिखा जा रहा है  तमाम अच्छे  एवं चुनिन्दा  पत्रों में आज छपे इस समाचार के सन्दर्भ में जो हम पाठकों के ये बताता है की भारत सरकार है कि आपके फ़ोन की बातचीत पर, एसएमएस पर व इ-मेल पर कोई एक 'नज़र' रखे हुए है। इसका मतलब है की अप्रैल 2013 से केन्द्रीय निगरानी प्रणाली शुरू कर दि गई  है। इस निगरानी प्रणाली को टेप करने के लिए एक तकनिकी जासूस की तरह आपके खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है। भारत सरकार इसकी मदद से आपके ब्लॉग पोस्ट, LinkedIn पोस्ट, आपके फोन कॉल, आपके ई - मेल सामग्री, आपके फेसबुक अपडेट, आपके चहचहाना tweets आपका वेबसाइट विचरण आदि तमाम गतिविधियों को आपके खिलाफ एक सबूत की तरह रिकॉर्ड किया जा सकता है।

मानवाधिकार संगठन निजता के अधिकार के उल्लंघन का मुद्दा उठा रहे हैं। वे इस तकनीकी जासूसी और इस निजता के मानव हक के उल्लंघन हेतु रची गई इस केंद्रीय निगरानी प्रणाली के उपयोग के खिलाफ विरोध कर रहे हैं और इस व्यवस्था का आपराधिक दिमाग द्वारा दुरूपयोग किये जाने की निसंदेह संभावना के बारे में वास्तव में ना केवल खुद डरे हुए हैं अपितु ये डर हम पाठकों के मन में भी डाल रहे हैं।

यह सच है लेकिन एक ईमानदार व्यक्तित्व को, कानून का पालन करने वालों  को, नैतिक रूप से धर्मी और पूर्णतः मुक्त, प्यार, देशभक्ति संरक्षक भारत के नागरिकों को इस प्रणाली से दर कर जीने की कोई आवश्यकता ही नहीं है। आपराधिक दिमाग व्यक्तियों या बुद्धिजीवियों को सही करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए इस सुधारात्मक कदम के बारे में चिंता करने या डरने की जरूरत नहीं है - डरे वो जो पापी हैं। एक तरह से देखा जाए तो यह हमारी भारत सरकार ने हमें इन बदमाश जानवरों या ब्लैकमेलरों से और उनके जुल्म से सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए एक लाजवाब कोशिश की है। हमें भारत सरकार की  ऐसे अपराधियों की पकड़ कर पाने के लिए ना केवल मदद करनी चाहिए अपितु यह भी करना चाहिए की हम सार्वजनिक रूप से इस तरह के एक साहसिक और भविष्यमुखी कदम उठाने की भरसक सराहना करें।

हम वर्तमान भारत में लगभग 12 करोड़ इंटरनेट प्रयोक्ताओं को ये सन्देश ना केवल पक्षपाती साधारण मीडिया और उनके संपादकीय पुरुषों को भेजना चाहिए अपितु भारत सरकार और उसके अधिकारियो को भी ये सराहना संदेश ज्यादा से ज्यादा मात्र में भेजने का संकल्प लेना चाहिए।

बोलिए लेते हैं आप मेरे साथ ये भारत कल्याण का संकल्प ?

आप लोगों से इस सन्देश को वास्तव में जीने के लिए या इस संकल्प को लागू करने या इस पोस्ट साझा करने के लिए मेरा विनम्र अनुरोध है। मेरे अनुरोध को सम्मानित करके मेरी मदद करें। अगर यह संदेश स्वचालित रूप से भी सबसे बेईमान, कानून तोड़ने, अनैतिक, मन दास, नफरत, उत्पीड़क और भारत के भगोड़े नागरिकों तक पहुंच जाए तो कहना ही क्या। कहने की जरूरत नहीं कई लोगों के रूप में हम साथ-साथ इसकी एक अटूट कड़ी के रूप में हम पुरजोर तरीके से अपने दिव्या भारत के स्वप्न को संभवतः साक्षात कर सकते हैं।

चिंता मत कीजिये, मैं निश्चित रूप से आप लोगों का मेरे अनुरोध का सम्मान करने या नहीं करने का चुनाव जान्ने के लिए लालाल्यित हूँ क्यूंकि इस कृत्य से ना केवल मुझे अपितु आपको भी अपनी मौलिकता की असली पहचान हो जाएगी। कमसकम , स्वयं के बारे में एक प्रामाणिक संकेत तो मिल ही जायेगा …नहीं ??:-)

हाँ ... भारत की आपराधिक मानसिकता के लोगों को ये जान लेने की जरय्रत है की हम सच्चे भारतीय भारत के ही आपराधिक प्रवृत्ति अपना कर रातोंरात अमीर हुए लोगों के खिलाफ एक क्रूर युद्ध के लिए तैयारी कर रहे हैं।
हाँ ... उन्हें हमारी नैतिक ताकत या अच्छाई हमारी कमजोरी या एक सामाजिक वर्जना नहीं समझने के लिए प्रेरित करने का यह बिलकुल उचित समय है।

अब सन्देश:

तो क्या ... अगर तुम एक उच्च तकनीक द्वारा मेरे पाठ संदेश, मेरे ईमेल, मेरे ब्लॉग पोस्ट, मेरे चहचहाते tweets, मेरे अमेरिकन प्लान या मेरे फेसबुक के अपडेट देख सकते हो या तो क्य…गर तुम्हारे पास मेरे फोन कॉल टेप करने की सुविधा है या मेरे फोन का विवरण दर्ज करने के लिए निगरानी संस्था है?

तुम अब भी मुझे नियंत्रित करने, मुझे डराने-धमकाने, मुझे अपने निर्मम वश में करने लायक नहीं हुए हो और ना ही मुझे क्रूस पर चढ़ाने का कोई वैश्विक अधिकार है तुम्हारे पास।

आप जानना चाहते हैं - ऐसा क्यों ..?

ठीक है..
विनम्रतापूर्वक मैं आप के साथ कुछ बहुमूल्य तथ्य साझा करता हूँ ...
यह इसलिए है स्वतंत्र भारत के मेरे प्रिय नागरिक जनों क्योंकि मेरे पास इन कारणों की n माने असीमित संख्या है।
खैर, मुझे आप के साथ उनमें से कुछ तथ्यों की हिस्सेदारी जरुर करनी चहिये…नही ?
आप पसंद करते हैं या नापसंद करते हैं इन तथ्यों को ये आपकी स्वेच्छा है लेकिन मेरे लिए ये मोजास को दि गई दस आज्ञाओं से कमतर नहीं है। आज के समय में तो बिलकुल भी कम नहीं :


  1. मेरा कोई रहस्य नहीं है। मेरा जीवन सभी के लिए एक खुली किताब है।
  2. मैं कर्म करने के बाद में स्वयं को दोषी महसूस करूँ या उन स्वेच्छा से किये गए कर्मो के बारे में शर्म महसूस करने की जरूरत नहीं समझता क्यूंकि वे कर्म मेरे अंतरात्मा की आवाज़ के अनुसार गोपनीय रखे जाने वाले या पाप के कृत्य कदापि नहीं हैं। और ना ही मैं उन कर्मों में सदैव लिप्त रहने की मनोकामना रखता हूँ।
  3. मैं, वरदान के रूप में मुझे बख्शे गए इस जीवन को अपनी इच्छा अनुसार जीने के लिए उतना ही स्वतंत्र हूँ जितने की आप।
  4. मुझे प्यार का एक अतुलनीय सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है जो म्सदैव मेरे साथ एक साए के रूप में रहता है। यह एक आशीर्वाद दिया गया है मुझे। आप संक्षिप्त रूप में इसे मेरी किस्मत भी कह सकते हैं
  5. सर्वशक्तिमान ने मुझे गलती से कुछ गलतियां करने या सरासर अज्ञानता में आपे से बाहर होकर किये गए गुनाहों से मुझे मेरे रहमदिल खुदा ने मुझे माफ़ी देने का वादा किया है। शर्त सिर्फ इतनी है की मैं तहे दिल से अपने गुनाहों की माफ़ी मांग लूँ।
  6. मैं विधिवत तरीके से जान बूझकर और तहे दिल से उसके सामने अपने किये के लिए माफी माँगता हूँ की ए मेरे सर्वशक्तिमान प्यार से भी की गई  मेरी बेरहमीयों से और जानबूझकर किये गए पापों को क्षमा कर।
  7. मैं घुटने टेक कर और एक शुद्ध भावपूर्ण इरादे के साथ अपने गुनाहों की माफ़ी माँगने के पलों को कभी भी विस्मृत नहीं करता।
  8. मैं अपने सारे कर्म भगवान को समर्पित करता हूँ। स्वेच्छा से और ध्यानपूर्वक किये गए कर्मों का खुद को सिर्फ भागीदार ही नहीं अपिटी पूर्णतः जिम्मेदार भी समझता हूँ। मेरे सुप्रीम भगवान के रूप में आप सब लोगों के शारीर में साक्षात विराजमान हैं और इसलिए मैं आप सबका भी अत्यंत सम्मान करता हूँ।
  9. शिव शक्ति से नवाज़ा गया हूँ मैं। उन्होंने संसार की बुरी शक्तियों से ना केवल निपटने के लिए अपितु उनके साथ  लड़ाई, झगड़ा या दुनियाभर की शैतानी दिमाग वाले शैतानी इंसानों या शक्तियों के साथ एक आध्यात्मिक युद्ध जुटाने के लिए प्रचुर मात्रा में साहस, युद्ध कौशल और अच्छी तरह से उचित धर्म के साथ मुझे आशीर्वाद दिया है। हाँ, मैं ZORBA, THE BUDDHA हूँ। बाहरी जगत के लिए एक सक्षम योद्धा और आतंरिक जगत में एक निपुण ध्यानी।
  10. अन्त में लेकिन अंततः कदापि ही मत समझना की तुम इतने बुरे हो के तुम में ईमानदारी के प्रति समर्पण भाव तो क्या तुम में प्रेम के प्रति श्रद्धा-सबुरी का भाव भी विकसित नहीं हो सका है और ये सब इसलिए की तुम अपनी स्वयं की इच्छा से ही एक दुष्टात्मा भावना के कब्जे में हो। उपरोक्त बयान से किसी की जड़ को समझने का या उसे अपने काबू में करने के लिए जिस प्रज्ञा, जिस ज्ञान, जिस सत्य  और जिस प्यार के प्रति निस्वार्थ भक्ति भाव की दरकार होती है वो भेंट तुम गँवा चुके हो। हाँ, मेरे आजीवन किये गए कर्मो ने और मेरे चिन्मयी सदगुरुओं ने इस अमर उपहार के साथ मुझे सम्मानित किया है।

और इसलिए ....

अपने तथाकथित निगरानी बिजली कुछ भी नहीं बल्कि एक hallucinated शैतानी मन की मूर्खता से बेकार में की गई एक हास्यास्पद कवायद है।
         मान ले भाई की तेरी स्थिति तेरे ही चयन की वजह से बहुत ही खराब हो चुकी है .... है ना?
जाग जा, नेकी की राह पर, दीन-ओ-ईमान के पथ पर असतो मा सदगमय तमसो मा ज्योतिर्गमय पढ़ते हुए अग्रसर हो जा भाई।
तेनु रब्ब राखे।


मन is bad case....isn't it?

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