Sunday, December 28, 2014

Good and Bad

I'm good if you think so. I'm bad if you signify so...right..??


God is the One who determines what is good and what is bad.

How..??


Not as per going on our wishes, prayers or plannings but by seeing whether or not our being is accomplishing His plans or not. God is good but that doesn't mean we are bad because but for Him nothing existed, nothing exists and will ever exist. He is the existence indeed, existing in infinite manifestation called Life. He is Alpha. He is Omega.

The good God makes His omnipresence seen and felt by us by lovingly sharing His 'O' with us.
So, when things look bad, do remember and realize that God is holy, whole and good.

Have a God day....



Man is bad case....isn't it?

Sunday, December 21, 2014

copy-paste Shaayari

Thanks to my sms, whattsapp friends and also to Javed Akhtar Saheb who personally shared this sher-o-shaayari with me. I'm taking undue risk with ishq thinking that you'll be able to not only comprehend it but also find your mind capable enough to digest the ingredients within. Inshaallah - God bless you ;-)



मुश्किल है दौर इतना और उम्र थक गयी 
अब किससे जाकर पूछें मंज़िल किधर गयी
बाज़ार में जा पूछा, इंसानियत मिलेगी?
सब ने हँसते हुए कहा, वो तो कब के मर गयी

दिन में धुप तपे, रात में चाँदनी 
कैसी ये ज़िन्दगी, सुबह-ओ-शाम अनबनी 

बदलना चाहते हो तो शौक से बदलो पर इतना याद रखना… 
जो हम बदले ओ करवटें बदलती रह जाओगी

बात ये नहीं है की तेरे बिना जी नहीं सकते;
बात ये है की तेरे बिना जीना नहीं चाहते 

तजुर्बों ने हमें खामोश रहना सिखाया..
कुत्ते भोंकते हैं अपने ज़िंदा होने का एहसास दिलाने के लिए …
मगर 
जंगल का सन्नाटा शेर की मौजूदगी बयाँ करता है 

उसे भूलना होता तो कब का भुला देता 
वो मेरी रूह-ए-मोहब्बत है, कोई तमाशा नहीं 

तुझ बिन रात गुजरती ही नहीं.......
वक़्त की आँख लग गयी हो जैसे 

टाइम ना कर अपना खराब अपना ए ग़ालिब, जमकर पी ले 
लिवर तो ट्रांसप्लांट हो जायेगा पर बीता हुआ वक़्त तू कहाँ से लाएगा

समेट लो सितारों को अपने हाथों में
बहुत देर तक रात ही रात रहेगी 
मुसाफिर हैं हम भी 
मुसाफिर हो तुम भी 
कहीं ना कहीं तो मुलाक़ात जरूर होकर रहेगी 

बुलंदी की उड़ान पर हो तो ज़रा सबर रखो,
परिंदे बताते हैं की …… आसमान में ठिकाने नहीं होते ....

किसी टूटे हुए मकान की तरह हो गया है ये दिल,
कोई रहता भी नहीं और कमबख्त बिकता भी नहीं 

हम तौर-ए-इश्क़ से तो वाकिफ नहीं लेकिन,
सीने में है एक दिल जो मला करे है कोई

तेरी ख़ुशी से अगर गम में भी ख़ुशी ना हुई,
वो ज़िन्दगी तो मोहब्बत की ज़िन्दगी ना हुई 

मियाँ वो दिन गए, अब ये हिमाक़त (नासमझि, बेवकूफी) कौन करता है
वो क्या कहते हैं उसको.... हाँ - मोहब्बत - मोहब्बत अब कौन करता है      
   

Monday, December 15, 2014

न्याय की देवी हो तुम - GODDESS OF JUSTICE, YOU ARE


न्याय की देवी हो तुम
Lusticia हो या Justicia हो तुम
जो भी हो बहुत निपुण हो तुम
इस आदम की भी सुन लो एक गुहार तुम
अपने जिस्म के दो हिज्जे करना चाहता है ये आदम
एक हिस्सा दिल के साथ रहने को है बेक़रार
तो दूसरा हिस्सा मन के साथ रहने का है दिल-ओ-जान से तलबगार
कौनसा हिस्सा किसका है - मालुम नहीं
क्या आत्मा को रहना होगा बन के ज़िंदा लाश - मालुम नहीं
तुम ही करो अब न्याय की न्याय की देवी हो तुम
तोड़ ही दो आज मेरे सारे भरम
बता ही दो की क्या है मेरा धरम
कैसे जियूं के फूटे ना मेरे करम
जानता हूँ, पढ़ा-लिखा हूँ की
"चलती चाकी देख के दिया कबीरा रोये,
दो पाटन के बीच में साबूत बचा ना कोये"
फिर भी तहेदिल से पुकारता है तुम्हे आज ये आदम
हो रहम, हो रहम, हो रहम
यूँ ना ढाइए मुझ गरीब पे इतने ज़ुल्म-ओ-सितम
कुछ तो कहिये की आपके फैसले के इंतज़ार में
बैठे हैं कबसे आपकी राहगुज़र पे हम
माना के सबसे मोहब्बत करने के गुनहगार हैं हम
माना के सिवाए 'इश्क़' के किसी और के वफादार नहीं हैं हम
सच्चे पातशाह की राह में एक नासूर ज़ख्म हैं हम
इल्तिज़ा मगर ये है की हमारे सब्र-ओ-ईमान के इम्तेहान हो ज़रा कम
माना के इन्तहा नहीं हमारे दिल-दरिया की
माना के दिलदार नहीं, बादाखार हैं हम
यकीन कीजिये मगर ए हुजूर, के दिल-फरेब भी नहीं हैं हम
माँ कसम, माँ कसम, माँ कसम
हो रहम, हो रहम, हो रहम   
 

Man is bad case....isn't it?

Tuesday, December 2, 2014

X-mas -A season of hope


X-mas hope:

Adam and Eve in Eden Gardens lacked nothing and hence needed not to hope for anything;
But then the devil's serpent offer came with an allurement witch(pun)  they both accepted readily with indulgent lure;
Greedily they ate the God forbidden fruit of Knowledge: Knowledge of good and evil;
They got what they wanted: KNOWLEDGE.
But they lost what they had: INNOCENCE.
With the loss of innocence came the need for hope-hope that the guilt and the shame could be removedand goodness restored.
CHRISTMAS IS THE SEASON OF HOPE.
Jesus with his benevolent crucifixion not only bought our redemption but also earnestly forgave our sins.
Moreover, he made it possible for us to be wise about what is good and innocent about evil temptations.
Praise God for the hope of Christmas!

*(with due acknowledgement the above write-up is taken from -Julie Ackerman Link posted on December 2, Tuesday page of 2014 Annual Edition of OUR DAILY BREAD)* 

Sunday, November 9, 2014

दिल की बातें - heart talks

http://youtu.be/a-9tKVYD4o4
दिल से निकली बात असर रखती है 
पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है 

http://youtu.be/lUWdgxyYNg8
जाग के काटी सारी रैना
नैनन में एक बूँद छिपी थी 
सुबह ले आई अश्कों का गहना 
नफरतों की माला पहनकर ही 
आया मनवा को चैना
रात भर लिपटे रहे नाग-नागिन 
गले में उन्होंने अमावस विष पहना 
रोशन हुआ जगत अंधियारा तप के
यारों को यारब से कुछ न पड़ा कहना 
बेजुबान हैं ये गल्लाँ इश्क़ दी
नैनो विच गल्ल करदे हैं नैना 
जाग के काटी सारी रैना...

ज़िंदा है चंद लोगों में इंसानियत अब भी अगर 
तो कोई गिला नहीं कोई गम नहीं...,
सुना है आदम और हव्वा से एक-एक कर 
७ अरब+ तक जा पहुंची है ये आबादी..!!
http://youtu.be/iwSlzmszpbI


तू अजीब 
तेरी दास्तान अजीब 
और तेरा नाम तो और भी अजीब
फिर उससे भी अजीब-ओ-गरीब है तेरा प्यार
कहते हैं लोग के फूटा है तेरा नसीब
की मिला भी तुझे तो एक बद्तमीज़ गरीब 
दाग लगा गया जो तेरे दामन पर जैसे सलीब 
मेरी छोड़;
मेरा किस्सा कुछ और ही है
मेरे हिस्से आया कुछ और ही है
तुझे पा के हुआ हूँ ज़हनसीब 
तुझे पाया है मैंने सबसे करीब
ज़हनसीब ज़हनसीब ज़हनसीब
http://youtu.be/WnU0lH6C0EA

Sunday, October 26, 2014

How are you, today?


Mornings are Good
Days are Sunny
Evenings are Dusky
and 
Nights are Godly 
when;
YOU wake me up with a Smile,
Sun-shine my day with a cup full of Kisses,
Bless my Eve with a Saffron beauty
and
Make my night a loving play time
Oh Yes!
I call every such day a Lovely Day - a God Day

I know it ain't easy to Stay Cool
but please do make an effort to stay cool
Just keep on watching your own thoughts from a distance
As they pass by your own mind
Oh Yes! They certainly doesn't belong to some fool
Just observe your own intangible Emotions
Without absorbing them tangibly
Know that they are indeed YOURS
But certainly they aren't YOU
Well, are they..??

I know its difficult to Live Life Like a Child
Who keeps on Enjoying Every second of it 
By not only keeping his/her own Mind neat and clean 
But also keeping his/her Heart alive, fresh and kicking
Oh Yes! We made it even more difficult by growing up 
and 
by indulging in eating that apple of Knowledge of good and evil
Ignorance once happened to be a Bliss
But now even sacred innocence is construed as a Piss

Oh Yes! 
Life is as easy as ABCD for all those
Who read their own Minds 
And know the 'Art of Living' a detachedly attached Life
By living every moment Now & Here 
And accept it with gratitude - the way it comes
Oh Yes! 
Life ain't a disease if we take it with ease

Oh Yes!
You can try to make every body's mind happy 
By abiding by their concepts & rules & regulations
But do take care lest you loose your own happiness in the process
Cause my always_being_in_happy_state Soul says
That it ain't easy to make any mind happy for a longer duration of Time
Not because it doesn't want to be happy 
But because it's not its nature to Stay Happy, Cool, Content or Healthy
Sadness, Heat, Discontent and Disease come along with it all the while
As an integral part of a two-faced coin called Life

To Choose one over another is mind's nature
To make YOU divide wholesome ONE into 'others' is its role
To create an infinite delusion from a unified infinity is its whole and sole duty
To open a sure shot door to lead a hell of a life is in its core
And so, how can we call it a whore?
Nay, it can't even be termed a disease
It is just the way it is
Oh Yes! It is just the way it is

Oh Yes!
The choice is, was and will always be totally ours and ours only
No matter what every Tom, Dick & Harry tells YOU
God has given this power of choice to every Jack 'n Jill
Oh Yes! 
This is most certainly the gift given to us by a freedom loving God
Who watches us every moment to see
What are His children doing with His beyond time gift called the PRESENT 
    
 


Man is bad case....isn't it?

Saturday, September 27, 2014

Dual Sim Story

 १२ हमारी बजा के ९ २ ११ वो हो गए
७-७ जीने-मरने के वादे-इरादे सारे रफूचक्कर हो गए 
१ साथ था १३ ही कभी हमें १४ सालों तक 
६९ से जाने क्यों हम ३६ का आंकड़ा हो गए 
आंकड़ो का खेल ये हमें कभी रास ना आया
सिफ़र थे हम सिफ़र ही रह गए 


चालाकि कहें, मक्कारी कहें या फिर कहें हम इसे उनकी बेवफ़ाई का आलम 
उनके लिए तो है ये राज़-ए-उल्फत हम चाहे जो कहें कहें ना कहें
आप तो जनाब इसे हुजूर का एक जलवा ही समझ लीजिये बस 
ज़माना चाहे फिर फिर इसे बन्दे की बंदगी कहे या दीवाने की दीवानगी कहे

हुआ कुछ यूँ ये वाक्या की एक दिन वो हमारी आँखों से ओझल हो गए 
हमारी एकमात्र आँख (sim card) को कवरेज क्षेत्र से बाहर कर
दूसरी आँख (सिम कार्ड) से वो दूसरों से व्हाट्सअप-व्हाट्सअप खेलने में लग गए

उनकी दूसरी आँख का नंबर हमारे पास था नहीं 
और उन्होंने कभी हमें देने लायक समझा नहीं
एक ही तो हूँ मैं और तुम्हारे लिए ही तो है ये सिम
ये सुन-सुन कर कान हमारे कभी थके ही नहीं 

पूरा यकीन था उन्हें हमारी नादानी पर इसीलिए तो रुसवा हमें वो छोड़ गए 
भेंगे ही नहीं अकल मंद भी थे हम जो उनके दो-मुँहे चेहरे पर मर गए

जब खुद से ही बात करने से कतराने लगे हम 
तब समझ में आया की कितने फट्टू हो गए हैं हम 
लाहौल विल क़ुव्वता, कितने फूटे रहे होंगे हमारे करम 
की आईना देख आज खुद से ही डर जाते हैं हम 


                 


Man is bad case....isn't it?

Thursday, September 25, 2014

enough is enough - SHE MEANS NO - अब बस भी करो..!!

The increasing darkness of trials only makes the lamp of grace shine brighter.

अब बस भी करो !


।। असतो माँ सदगमय - तमसो माँ ज्योतिर्गमय।।


Enough is enough
क्या सोच रोक रहीं थी कल तुम पीने से मुझे,
तुम्हे तो मालुम है ना की पीना-पिलाना कितना पसंद है मुझे 
फँस गयी थी कल एक मछली जाल में मेरे 
कांटे अपने जिस्म के निगलवा कर घायल कर गयी वो मुझे...

रही बात तुम्हारे हक़ कि तो वो तो खैर इतना है तुम्हारा मुझपे 
की तुम कहो तो पीना-पिलाना तो क्या ये पूरी दुनिया ही छोड़ दूँ मैं 
बस इतना सा एक वादा कर दो तुम मुझे 
की फिर कभी ये ज़ालिम दुनिया ना छेड़ेगी-सताएगी तुम्हे

तुम शक्तिरूपेण हो तो अपने अंदर ही संस्थापित कर लो आज तुम मुझे,
कर लो, कर लो, कर लो माँ - वर दो, वर दो, वर दो माँ - जय भवानी अम्बे

।। या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता 
    नमस्तये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमोः नमः ।।  



SHE MEANS NO

Man is bad case....isn't it?

Friday, September 19, 2014

JOBLESS NOT USELESS


बे कार तो खैर मैं था ही सही अब बेकार भी हो गया 
एक बेकार के मन इज़ bad केस का और होता भी क्या 
जो होना था बाक़ायदा वही तो अलक़ाएदा हुआ
देखना अब बस ये है की आगे होता है क्या 
फिर 
तुम जब से लेने लगे हो चिंताएँ मेरी
लेने लगे हैं या रसूलअल्लाह खबर मेरी
फ़क़ीर को अब फ़िकर ही क्या
चाहे तुम्हारी उम्मत समझती हो मुझको बैरी 
समझने दो जिसे जो चाहता है समझना
नासमझों की समझ की परवाह लेना भी क्या 
इब्तदा-ए-इश्क़ है रोता है क्या 
आगे-आगे देखिये होता है क्या...क्या... क्या...:-)

  
 


Man is bad case....isn't it?

Wednesday, September 17, 2014

PTM: PARENT TEACHER MEET

An unposted letter for the parents and teachers of this platonic world:
इस सतही जगत के पालकों और शिक्षकों के नाम एक अडाकित पत्र :




जिस तरह ज्ञान का सबसे बड़ा शत्रु अज्ञान नहीं, ज्ञान का मिथ्याभास होता है ठीक उसी तरह शिक्षा या शिक्षक का सबसे बड़ा शत्रु अशिक्षा या अशिक्षित नहीं, शिक्षित होने का मिथ्याभास होता है। 

विद्यार्थी वो नहीं जो विद्या का अर्थ समझना चाहता है, विद्यार्थी तो वो होता है जो विद्या की अर्थी निकाल सरेआम खुश होता है। आजकल के विद्यार्थी तो माँ के पेट से ही विद्यावान बनकर निकलते हैं। थोड़ा बहुत बचपना होता भी है अगर तो बस पांचवी तक ही बचता है। छठी का दूध अपने शिक्षकों और अपने निर्गुण संपन्न पालकों को बिलकुल निसंकोच भाव से पिला देते हैं ये मक्कार इंटरनेशनल अकादमी के चाणक्य तूल चतुर, बहुमुखी , प्रतिभाशाली एवं सर्वगुण संपन्न विद्यार्थी गण। दोमुहे समाज से बहुत जल्द मक्कारी सीख-सीख कर ही तो ये इतने मक्कार हुए हैं की अब तो इन्हे पुराने जगत के विद्यार्थी के बजाय नए जगत का पार्थसारथी कहना ज्यादा समसामयिक होगा। 

नहीं?

विश्वास न हो तो आजकल के टीवी विज्ञापन जरा गौर से देखिएगा। आप तुरंत समझ जाएंगे की कंपनियों की मिलीभगत से ये लोग किस तरह अपने ही माँ-बाप की खिल्ली उड़ाते हैं। कोई बेहया अपनी ही ग्रामीण माँ की नक़ल उतारते नज़र आएगी आपको तो कोई खाऊ निठल्ला अपने ही बाप द्वारा सालों की मेहनत से कमाए गए रूपये उड़ाते नज़र आएगा आपको। 

ये सब समुचित ज्ञान की बातें बेहिचक और बिना किसी शर्म के खुलेआम हो रही है। कंपनियों ने तो इनकी व्यव्हार कुशल सोच का जायज/नाजायज फायदा उठाकर अपने धंधे के वारे-न्यारे करना जाने कब से शुरू कर दिया है। हम-आप ही हैं जो अब तक गीता-रामायण की मिथक रजाईयां ओढ़ सो रहे हैं।हालात ये हैं की अब तो इसी सोच का फायदा उठाकर आप-हम को पल्ले दर्जे का मुर्ख या बेवकूफ साबित करने की होड़ सी लगी है इन लावारिस कंपनियों, इनके अनाथ मालिकों और जी हाँ - आप-हम के तथाकथित बच्चों के बीच।

क्या अब भी आप ये छाती ठोक के कह सकेंगे की  "जाने भी दीजिये साहब, बच्चे है।" 
बच्चे हैं पर कच्चे नहीं हैं ये साहबज़ादे एवं साहबज़ादियाँ, हुजूर। और इस सब के पीछे ऑफ कोर्स - तेरा तेरा तेरा कसूर। :-)

Man is bad case....isn't it?

Tuesday, September 16, 2014

SAVIOUR

Blessed we are that God not only watches us from a distance but also keeps an merciful eye on our deeds and is fully aware of the real intent behind our acts. Blessed -because this eye not only makes us fearful of God but also well coscience about the real 'I'.
People's wickedly scornful looks, half-baked truths/beliefs and hateful content behind it terrifies me much more though.
GOD IS OUR SAVIOUR

रब्ब राखा जी रब्ब राखा !



मुझे उठाने के लिए वो खुद गिर गयी
देख के ये इबादत दुनिया साली जल गयी
माता रानी को कुबूल है जब ये सौगात 
तेरी माँ की आँख साले फिर क्यों जल गयी 
गिरते हुओं को उठाना तो उसका शास्वत धर्म है 
संभल जा ओ शोशेबाज़! किस्मत तेरी संवर गयी
मोहब्बत के हैं अज़ल से अजीब ये जलवे 
देख जिन्हे दिमागवालों की नीयत फिसल गयी
सुनी शहरवालों ने जब ये दास्ताने इश्क़
दिल क्या कान और पिछवाड़ों में भी आग लग गयी 

Man is bad case....isn't it?

Monday, September 15, 2014

"a heartbreaking love story"


यूँ हँस-हँस के जीवन गुजारता है कोई
जैसे अपनी ही मौत का कफ़न सँवारता है कोई
कल रात वो फिर नहीं सोई
ख़्वाबों में ही हकीकत बुनता रहा कोई

   "a heartbreaking love story"  

That was the most lucky day of our life when we were destined to meet as lovers
That was the most memorable day of our lives when the mind-body-soul of two lovers transcendentally united to be one with the one and only One
Now, they were indeed husband and wife not socially though but illegally the groom was ready to kiss the bride Oh! what a sight - what a sight!!
Today they celebrate the most auspicious day of their life by thanking Lord for keeping their so called adulterous love marriage intact, update and alive
Kicking in spite of the venomous trials, travails and non-stop tumults of the stigmatic life
Yes, it's is true that the husband's heart bleeded with blames of lust as angry minds twisted and tortured the naked less body of his soul mate
Crying he was in pain filled with shame for not being able to help his lonely wife
Yes, in fact the wife faced and continues to face much more drastic troubles and troublesome times that only a young and beautiful Indian wife has to bear, being condemned as a passionate love crazy and cursed widow
All these tremendously terrible turmoils which her soulful husband could not even think or dream about kept on going when he far away was leading a happy-go-lucky kind of life, thanks to his soulful wife's courageous and righteous love
Yes indeed, he will be always sorry for his inability to even being able to count , measure or understand the sad data, moments and faulty accounts lived by his loving wife who kept on loving him unconditionally and still does it more than anyone else did or even imagines to do 
Yes, this remains a most difficult to digest TRUTH of his life 
(-a hopelessly bad kase he is whom his wife trusts to be a god send manna for his seamlessly sympathetic, emphatic, hot and simmering wify)   

Man is bad case....isn't it?

Wednesday, September 10, 2014

बातूनी man -talkative mind



एक बातूनी की इन दिलकश बातों में कहीं खो ना जाना तुम 
कहीं के भी ना रहोगे गर इन लफ्फाजियों पे ऐतबार करोगे तुम ;-) 

ये तेरा-मेरा के भाव उनके लिए जो खोये हुए हैं निन्नयांनु के फेर में 
ये गुनाह की कुंठा-ग्लानि उन पापियों के लिए दिखावटी जिनके प्रेम करम
ये विचार ही छीन रहें हैं हमसे हमारा धरम करम    

जबतक मैं तुझसे रूबरू ना हो लूँ तबतक आएगा मुझे सुकून नहीं,
जबतक तुझसे आँख ना मिला लूँ तबतआएगा मुझे आराम नहीं,
फिर ये बात और की तेरा सामना कर पाने का मुझमें माद्दा कहाँ पर
जबतक समा ना जाऊं मैं तुझमें होते तबतक हम क़तई एक नहीं....

शर्मसार यहाँ मैं - घायल वहाँ तू 
नदी हूँ मैं और समंदर तू 
किसी काम नहीं आ सका मैं तेरे  
फिर भी बेइंतेहा मुझे चाहती है तू 

बूँद मैं - गागर तू 
कामुक मैं - हसीन तू 
भर दे आज मुझको मुझ ही से
कर दे  मुझको मुझ ही से अब रिहा तू 
अल्लाह हु अल्लाह हु अल्लाह हु    


Man is bad case....isn't it?

Monday, September 8, 2014

मदमस्त हाथी - Intoxicated elephant


वाक़ई मज़े में है ये मदमस्त हाथी 
या उन्मादी हो गया है ये जीवंत साथी?
दुनिया इसके खिलाफ मगर फिर भी इसका मन साफ़
समझो जल उठी है इसके जीवन में सद्चिदानन्द की बाती 
जाग उठा है ज़ोरबा के मन आँगन में 
फिर कोई नया एक बुद्ध 
मंद-मंद मुस्कुरा के देखे है वो दुनियावी तमाशा 
करे है वो अविनाशी नृत्य 
बजा-बजा के हैरतअंगेज़ ढोल और ताशा 
लिखे है पल-पल वो 
एक नई उमंग और उत्सव से भरी प्रेम की पाती 
ये दुनिया पित्तल दी मायावी फिल्म की भाँती...

What is in your mind?
Thanks or burden?
Whatever it is, your love wants to hear your heart.
Say it, fear Him not
or else,      
AS YOU WISH:

समझ सको तो समझ लो दिल से 
पर समझ सकने वाली बात ही ये कहाँ !!
समझ - समझ के जो समझ को ना समझे
ऐसी समझदारी से भरे नासमझ आशिक़ है कहाँ !! 
दिल लुटाने में जो मज़े हैं वो इज़्ज़त लूटने में कहाँ !!
जान देने में जो लुत्फ़ है वो जिस्म देने में कहाँ !!
रूह के जज़्बात हैं ये प्यारे
महसूस करने में जो तरंगें हैं वो समझने में कहाँ !!
समझ सको तो समझ लो इश्क़ को पर तुम में वो समझ ही कहाँ !! 
इश्क़वालों की दुनिया में अक्लवालों का 'काम' है कहाँ !!

 


Man is bad case....isn't it?

Sunday, August 24, 2014

Funny Lingo

 

 Life पहले corn flake से 'Gold Flake' हुई 
फिर ना जाने कब hectic से  'Classic' हो गयी एक दिन अपनी ही 'Wills' पे 
और अब एक 'Foursquare' खड़ी है किसी 'Marlboro' के साथ मस्ती में...

Silence sometimes heals better than words do,
Loneliness sometimes sounds better than noisy crowds do,
but then who told you that Solitude is Loneliness - its Oneness dude!

We are indeed born alone, we infact live alone and yes, we do die alone.
Oh yes! Its a bitter deadly truth which can be better digested by living in with a 'हमसफ़र' (soulmate) rather than marriedly suffering this 'सफर' (journey).
Thank you for being you.

My 'miss' very well 'understands' when & what to go 'under'  and also how and why to 'stand' where & hence there ain't MISUNDERSTANDING between us.

यहां बारिशों के 'लाले' पड़े हुए हैं ज़मीन-ओ-दराज़ पे...,
और वहाँ 'लाली' छायी हुई है शर्म-ओ-हया की लबों-लबों पे..!!

We think a lot about future but can our thinking process add even an iota of miligram in His stature or a bit of change in our image?
Think not about morrow: for morrow is capable enough to think and care about itself.
Its better to suffer in earthlife than to turmoil in afterlife.
How about discounting prosperity & political success in this visible world and investing lively in those secret deeds which our Father sees secretly and rewards openly?

Man is bad case....isn't it?

Sunday, June 29, 2014

Facing YOU



"क़ायम रहे ख़ुदा  पे वो ईमान मुबारक़, 
ईमान मुक़म्मल हो ये अरमान मुबारक,  
दिल, जिस्म, रूह पाक रहे दौर-ए-इबादत, 
अल्लाह के बन्दों को हो रमज़ान मुबारक"

When Shaitaan seems to dominate the world around YOU,
When anxiety, loneliness and  despair seems to color YOU blue,
When no one seems to understand what YOU are going through,
Face the reality with utmost trust and patience,
Know that the help is on its way to YOU,
Yes!!
ShivaShakti indeed knows what you need and where exactly are YOU,
S/He is not only sending timely messages to YOU
but is also indulged in sending a terrific rescue team to sustain YOU,
Rest assured that they are safely bringing back home the real YOU,
Yeah....the real YOU within YOU....!!

Its been long since my naked eye last saw YOUR face but... 
Behold!
Behind my eye the countenance is always YOURS...
Trust me with patience, its TRUE.



Man is bad case....isn't it?

Sunday, June 22, 2014

हरी ॐ हरी - HARI OM HARI



वो समझते हैं की बड़े सुकून से सोते हैं हम रात भर,
नहीं जानते वो नादान 
की हक़ीक़तन तो हम जाग-जागकर जीते हैं ख़्वाबों को उम्र भर  

ये नींदें हैं आशाओं पर दृढ़ विश्वास की,
दीवानगी जिसकी शास्वत सनातन सतनाम मोहब्बत से है 

भोला बादशाह कहकर पुकारती है एक नन्ही सी मासूम परी मुझे,
देखकर जिसे मेरी सारी की सारी मक्कारी रह जाती है धरी की धरी 

महज एक सोज़ उसका बना देता है दीवाना मुझे,
अक्ल पे तो लग जाती है जैसे इश्क़ की झड़ी 

तू तू मैं मैं को ख़त्म हुए हुआ जाता है एक अरसा,
वो नदी एक हुई जबसे बन के सागर की अनगिनत समुद्र लहरी 

चढ़ा जबसे रंग उसका सूरज ठेकेदार पे,
रोम-रोम पुकारे है हरी ॐ हरी, हरी ॐ हरी, हरी ॐ हरी............. 

   
Man is bad case....isn't it?

Sunday, June 15, 2014

I am who I am



किसी की ज़रूरतें पूरी कर सकूँ इतनी मेरी औकात नहीं,
यकीन दिला सकूँ किसी को मैं अपना ऐसे मेरे हालात नहीं,
वक़्त-बेवक़्त काम आ सकूँ किसी के मैं तो रहम-ओ-करम 'उसका',
लिखा मेरा सच हो जाए ऐसी तो मुझमे कोई बात ही नहीं 

मदहोशीयाँ ये यूँ ही जाया नहीं जाती 
कई कई रातों को ये सुबह है कर जाती 
 
उफ़्फ़ ! ये बोतलें शराब की 
याद दिलाती है हुस्न-ए-शबाब की 

झाँकना चाहा जो उनके गिरेबान में मैंने एक दिन
थप्पड़ रसीद हुआ एक झन्नाटेदार मगर हसीन  

मोहब्बतें और नफ़रतें चलती हैं साथ-साथ 
ठीक वैसे ही जैसे ज़िन्दगी तुम और मौत हम 

बाज ना आये जब ये बाज़ 
तो फिर भला मैं चीज़ कहाँ की 

कभी हमें माँग कर तो देखिये अपने आक़ा से हुज़ूर 
माँ क़सम !! 
दुश्मनी ना कर लें वो आपसे तो नाम बदल दीजियेगा ज़रूर  

कभी डुबोया, कभी भिगोया, कभी समाया,
समंदर इश्क़ तेरी आदतें मेरे यार जैसी हैं :-)  

दिलक़शी = Attraction
उन्स = Attachment
मोहब्बत = Love
अक़ीदत = Belief or Trust
इबादत = Worship
जूनून = Passionate madness
मौत  = Death
इसमें सेक्स तो है ही नहीं? :-(
हाँ यार! फिर? :-<
फिर क्या? मरने का और सेक्स के ज़रिये फिर वापस पैदा होने का ;-)

अच्छे दिन लाने के लिए कड़वे फैसले लेना पड़ेंगे 
नमो: नमो: लोगों के गुस्से को मुस्कुराकर सहेंगे 
मिल जाए तो इज़्ज़त नहीं तो बेआबरू 
दुनियावाले फिर हकीक़त को फ़साना कहेंगे 

चल चलें वक़्त के साथ हाथ मिलकर पल पल हर पल, 
की जाने फिर ये हसीं मौका मिले मिले ना मिले,
मज़े प्यारी के हैं सफर में,
मंज़िलें चाहें फिर मिले मिले ना मिले !!

लिखी किस्मत माथे पे,
दफन किया मायूसियों को लकीरों में,
दरार-ए-मुक़द्दर की फिर मरम्मत कर,
रचा दिन-ओ-ईमान से मौला ने नसीब इंसान का ;-) 


Man is bad case....isn't it?

Sunday, June 1, 2014

लब्बो-लुबाब ; मेरे टूटने की वजह - RUBBISH FEELINGS; BROKEN HEART



{मेरे टूटने की वजह मेरे जोहरी से पूछिये,
बस, ये उस की खाहिश थी की मुझे थोड़ा और तराशा जाए।} 

तोड़ डालो मुझे,
तराश डालो मुझे,
मार डालो - काट डालो मुझे,
जो दिल चाहे करो तुम मेरे साथ
पर 
ख़ुदा के लिए बक्श दो मेरी मेरी नन्ही सी मासूम परी जान को 
की निगाहों में उसकी बसता है मेरा रसूल-ए-यार। 
बनता भी 'वही' है बिगड़ता भी वही है
बनती - बिगड़ती को सँवारता भी वही है 
फिर एक दिन सबकुछ भुलवा भी ' वो'
नाकुछ को सबकुछ और सबकुछ को नाकुछ भी बनाता वाही है। 

क्यूँकर रोका जाए 'उसे' जो हमारा था ही नहीं कभी,
क्यूँकर....हाँ...क्यूँकर?
जो हुआ वो इश्क़ाँ तो लौटेगा ही घर वो परिंदा कभी ना कभी। 

अपने-परायों की मज़बूरी से दिलवालों का होता कोई वास्ता नहीं,
फुर्सत में दिल बहलाने को की गयी लफ़्फाज़ियाँ कतई उनका रास्ता नहीं,
इश्क़ में मोज़ू होती है ज़माने की हर ख़ुशी,
दुआ देने वालों को अकेलापन कभी काटता नहीं। 

ना वक़्त, ना दिल, ना प्यार, और ना ही दोस्त कुछ कहते हैं यहाँ,
वे तो चुपचाप बस देखा करते हैं ज़िंद नित नए तमाशे,
बकवास करने का ज़िम्मा तो बस तेरे 'दीवाने वारसी - मनीष' ने ले रक्खा है 
और वो भी किसी नादान बहरूपिये की तरह :-)

कब तक झुकाओगे ये पलकें,
कब तक भिगाओगे ये आँखें,
छिपन-छिपाई का ये खेल मेरे संग खेलोगे कब तलक,
जानते हो जब तुम ये भली-भाँती की 'इश्क़ और मुश्क़ छिपाए नहीं छिपते' ;-)


तुम खुश तो हम खुश 
वर्ना तो...,
हर ख़ुशी के साथ चले आते है ग़म बिन बुलाये मेहमानों की तरह 

सिवाए इश्क़ के कौन लिख सका है किस्मत एक दीवाने की,
दुआ मांगते हैं वो जिन्हे आरज़ुएँ है ज़माने की,
मुक़द्दर का सिकंदर होता है हर आशिक़ यहाँ,
वो शम्मा क्या बूझे जो लौ है किसी परवाने की ;-)

वफ़ाएँ हमारी इश्क़ से है, नफरतों से नहीं,
मोहब्बतें हमारी तुमसे नहीं तो किसी से नहीं,
तुम जो रो दो तो रो देता है जग यहाँ सारा,
(अब ये बात और की लोग उसे बारिश समझते हैं यहाँ)
मंशाएँ हमारी फ़क़त तुमसे हैं हर किसी से नहीं।

जी तो लेते है हम 'तेरे बिन' पल-पल, हर पल,
पर; 
यूँ मर-मर के जीना भी कोई जीना है लल्लू !

आएं!!

काफी ही होता अगर हमें ये दो-चार पल का इश्क़, 
ये दो-चार पल की ज़िंदगानी, 
ये दो-चार बूँदें पानी की 
तो 
दरियादिल कहलाते हम..,
घड़ियाली आँसू बहाने वाले घड़ियाल या दो-मुहें साँप नहीं। 

 अपने रूठ ना जाएँ इसलिए चुप रहते हैं हम,
उफ़्फ़ !! 
ये खुशियों की बसंत पंचमी,
ये ग़मों के पतझड़,
ये जुदाई की आग.....
आँधियाँ कहीं बिखेर ना दें 
ये तुम्हारा गुलिस्ताँ इसलिए पराये बने रहते हैं हम !!
   

 
दिल लगाकर दिल से कई सारे पैगाम भेजा किये हम उन्हें...,
ख़ामोशी मिली जब जवाब में तो हम भी चुप रहना सीखा किये..!!

लब्बो-लुबाब मगर ये जाने क्यों ख़त्म नहीं होते,
आशाओं के ये दीप जाने क्यों जलते रहते है दिन-रात.… ??  

Man is bad case....isn't it?