Saturday, January 25, 2014

My last wish;death wish.

किसी माशूक़ शायर ने क्या खूब लिखा और जगजीत सिंह ने क्या खूब गाकर इस शेर को पेश किया :


"आख़री हिचकी तेरे ज़ानो पे आये
मौत भी मैं शायराना चाहता हूँ"
 

ऐसी माशूक़ मौत मगर सिर्फ ताउम्र मोहब्बत से मोहब्बत के लिए जीने वालों को ही नसीब होती हैं जनाब....,
वर्ना तो मौत को करीब देखकर ज्यादातर लोगों कि आँखें डर के कारण खुली कि खुली ही रह जाती हैं..!!

http://youtu.be/qU0ML2gQU74

Man is bad case....isn't it?

Saturday, January 18, 2014

मजबूर हूँ मैं और मजबूर है तू - Desperate

मजबूर हूँ मैं और मजबूर है तू 
अल्लाह हु अल्लाह हु अल्लाह हु 

कहीं ऐसा तो नहीं कि 
खुदा भी बस मजबूरीवश ही क़यामत नहीं ला पा रहा 
लगता है कि रोक रक्खा है चंद मासूम बेकसूरों ने उसे... 


पैरों तले कि ज़मीन जब खिसकाने पे उतारू हो ज़िंदगी,
आसमान सर पे उठाने में जब लगी हो ज़िंदगी,
चारो खाने चित्त गिरा दे जब तुम्हे ज़िंदगी,
वक़्त, ए मेरे हसीं दोस्त, तब उखड़ जाने का नहीं,
रूठने-मनाने में या तलवार उठाने में भी वो दम नहीं,
मौका है, दस्तूर है ये सब्र और श्रद्धा को जगाने का,
इश्क़ से अपने यारब से लिपट कर आराम फरमाने का,
इसी रूहानी ताक़त को ये 'दीवाना वारसी' कहता है असल बंदगी
चल आजा मेरी जान मिलकर मनाएँ जश्न-ए-ज़िंदगी
उत्सव से, उल्हास से कर दें हैम इसे लबरेज़ 
भावनाओं के सैलाब से हमें नहीं परहेज़ 
चल मेरे साथ चल ए मेरे हमसफ़र 
चल फिर एक बार फिर ताज़ातरीन तरीकों से जियें हम ज़िंदगी 
बस इतना जान ले तू मगर कि मिटाना गंदगी नहीं कोई दिल्लगी 
ज़मानेवालों ने लगा रक्खी है मोहब्बतों पे कई सारी पाबंदगी
सुना है मगर कि इश्क़ और जंग में सबकुछ जायज है ओ मेरी संगिनी...

Monday, January 13, 2014

A girl whose name is ....LOVE

 

तुम पहले सच्ची बात सरासर करने वाला बन कर तो देखो
सारे झूठे साले अपनेआप ही तुमसे दूर भाग जायेंगे 
और जो रह जायेंगे उन्हें तुम अक्सर सच्चा ही पाओगे 
याद रहे … मैंने कहा 'अक्सर' हमेशा नहीं ;-) 
जब तेरा दिल जुपिटर से भी बड़ा हो जायेगा और तेरी अपेक्षाएँ सातवे आसमान पर रहना छोड़ प्लूटो कि तरह गायब हो जाएँगी तब...
हाँ तब कहीं जाकर वो परी वीनस से प्लानेट earth पे आएगी।
बचा ले तू खुद को तब तक खुदी से कि 
समय कि गति बड़ी न्यारी, 
कर्मो कि गति होती बड़ी प्यारी,
रख के तो देख तू आसमान अपने सर पे, 
सच कहता हूँ फिर ये सारी ज़मीन हो जायेगी थारी 
सीख ले ये कलाकारी काम नहीं आती यहाँ कोई होशियारी...

इतना कमजोर ना समझना तुम 'मोहब्बत' को हमारी

धरी रह जाएँगी इस दुनिया कि दुनियादारी 

तक़दीर बदलने चलें हैं जो आज हमारी 

हैरत से तकेंगे वो यारों कि यारी… 

जी हाँ !

दुखों को पाल रखा है मोहब्बत में मोहब्बत ने दिल से 

काम आतें हैं वो सच्चे आशिक़ों को पहचानने में 

एक आग का दरिया है मोहब्बत हमारी 

इक कुड़ी जेदा नाम मोहब्बत
http://youtu.be/FbADyMzL8rI


Thursday, January 2, 2014

साड्डा हक़ ऐत्थे रख, रख साला !!


क्यूँ डरा रही हो तुम मुझे इतना, ओ नादान बाला ??
क्या जुलम हुआ मुझसे कि मार रही हो तुम अपने छबीले नैनो से भाला ??

दीवानगी गर रास ना आयी तुम्हे मुझे दीवाने कि तो नफरत से ही सही
एक बार,
बस एक बार पिला दो तुम मुझे अपने नरम-नाजुक हाथों से विष का प्याला !!

हाल बेहाल है तेरे बिन
ला साकिया पिला दे हाला !!

खूबसूरत बला 

सूरत ही नहीं सीरत भी बड़ी ही प्यारी हो जब किसी खूबसूरत बला कि
तो मुझ जैसे कई दीवाने मर ना मिटें तुमपर तो क्या लगा लें गुस्ताख़ नज़रों पे ताला ??

या तो एक में ही सबकुछ देख के जी लो
या सबमें एक को ही देख के जी लो
कि:
नाकुछ ही सबकुछ हुआ था एक दिन
और
सबकुछ ही नाकुछ हुआ जाता है किसी दिन

BLACK HOLES ही बुनते हैं ये गगनचुम्बी माला !!

दिल तोड़ने वालों को शुक्रगुज़ार हूँ मैं दिल से
सीखाया उन्होंने ही कि मैं अपने मन को ही दिल मान बैठा था साला !!

मजबूरियां ऐसी थी कि वो हमें देख मुस्कुरा भी ना सके,
चुप्पियाँ ऐसी थी कि इशारों से भी वो हमें अपने पास बुला न सके,
तड़पते रहे वो वहाँ रंज-ओ-गम में,
और हम यहाँ चाहकर भी उन्हें चाह ना सके,


खूब दिखाया ऊपरवाले ने रंग ऊपर वाला !!

{अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला ज़िन्दगी का
सुकून अभी मिला ही था कि नींद गँवा बैठे लाला !!}*

कर ले तू एक नहीं कई गुनाह हमारे साथ
के इश्क़ में तेरे साथ-साथ हमारे भी ७ ख़ून माफ़ हैं, मधुबाला !!

मोहब्बत 'करने' वालों को अपने ओहदे कि, अपनी इज्जत कि कि फ़िक्र सताती ही है,
काश वो जान पाते कि मोहब्बत 'कि' नहीं जाती बस 'हो' जाती है यकबयक नाला !!

मोहब्बत से काम-क्रिया तो होती है
पर काम-क्रिया से मोहब्बत नहीं हो सकती खाला !!

{बंधी है हाथ पर घडी मगर
पकड़ में एक लम्हा भी नहीं आता साला !!}*


यानि ये.,
कि ऊपरवाला भी अहंकारी है हमारी ही तरह?
पुजवाना चाहता है वो खुद को हमसे हमें हमारा हक़ देने के वास्ते?
कह दो उस ऊपरवाले से बेशक़
साड्डा हक़ ऐत्थे रख, रख साला !!

हम कांटो से ना कीजिये ये उलजुलूल फूलो-खुश्बुओं कि किताबी बातें,
खार-खार हैं हम सदियों से और देते हैं ज़ख्म बार-बार लहुलुहान करने वाला !!

[*borrowed ideas from elsewhwere - source anonymous]

        
 Man is bad case....isnt it?